बिहार के इस मंदिर में हिन्दू और मुस्लिम दोनों समुदाय के लोग आपसी भाईचारे से पूजा-अर्चना करते हैं

शैलेश कुमार || भगवान भोले की पावन नगरी खुदनेश्वर धाम समस्तीपुर जिला के मोरवा ग्राम में अवस्थित
है। यहाँ की महीमा अदभूत हैं। इस मंदिर की विशेषता है की हिंदु और मुस्लिम दोनो समुदाए के लोग आपसी भाईचारा के साथ पुजा अर्चना करते हैं। हर साल सावन के महीने में लाखों काँवरिया भोले बाबा को जलार्पन करते हैं। यहाँ पे शीष झुकाने वाला कोई भी भक्त खाली नहीं लौटता हैं उनकी हर मुराद पुरी होती हैं।

इतिहास 

खुदनेश्वर धाम का इतिहास 100-200 वर्ष पुराना हैं यहाँ के स्थायी निवासीयो के अनुसार कहानी हैं कि वर्षों पहले एक मुस्लिम लड़की जिसका नाम खुदनो था रोज अपनी गाय को चराने जंगल में आया करती थी। एक दिन अचानक वापस घर जाने के समय मे उसने देखा गाय एक स्थान पर खड़ी हैं एवं उसके थन से सारा दुध जमीन में गिरता जा रहा हैं । ये सब देख खुदनो को विश्वास ही नहीं हो रहा था। कुछ देर पश्चात गाय वहा से घर की ओर चलने
लगी। खुदनो ने ये सारी बाते अपने अब्बा (पिता) को बताई पर वे इस पर गौर नही किये और खुदनो को ही खुब डाँटा की तुम तो खुद ही सारा दुध पी जाती हो और मुझे झुठी कहानी सुनाती हो।


अगले दिन फिर से वही सब हुआ खुदनो को अब बहुत डर लगने लगा वह घर जा कर फिर अपने अब्बा को सारी कहानी बताई पर वे मानने को तैयार ही नहीं थे। कुछ दिन के बाद खुदनो का देहांत हो गया।तब सारे लोग उसे दफनाने को जंगल मे उस स्थान पर ले गये जहाँ पे गाय का दुध गिरता था।वहाँ की मिट्टी को कुदाल से हटाया जाने लगा कुछ गहराई तक कुरेदने के बाद एक काला पत्थर मिला। लोग उसे बाहर निकालने के लिए चारो ओर से खुदाई करने लगे पर उस शिव रुपी पत्थर का आकार बहुत बड़ा होने लगा। लोग डर के खुदाई करना बंद कर दिए और अपने घर को चले गये। कहा जाता है कि खुदाई के क्रम में एक कुदाल शिवलिंग पे लग गया जिससे की वहा से खुन निकलने लगा।उसी रात स्वप्न में खुदनो के पिता को शिव का क्रोध से भरा रुप दिखाई दिया । स्वंय भोले नाथ ने मंदिर का निर्माण एवं खुदनो को अपने समीप ही दफनाने का आदेश दिया।

तत्पश्चात रात से ही मंदिर का निर्माण शुरू हुआ और बाबा भोले के आदेशानुशार खुदनेश्वर धाम का नाम पड़ा।
जय भोलो शंकर का जयकारा तब से लेकर अब तक
हर रोज यहाँ सुबह शाम लगाया जाता हैं। भगवान के समीप रहने से मन में अनवरत् शांति मिलती हैं। सच्चे मन से माँगी मुराद पुरी होती हैं।

मंदिर तक पहुचने का पता

समस्तीपुर से 16 किमी की दुरी पर मोरवा ग्राम के बीच में खुदनेश्वर धाम हैं। यहाँ आने के लिए बस ,आटो रिकसा , एवं निजी वाहन हर समय उपलब्ध हैं। निकटतम रेलवे स्टेशन समस्तीपुर हैं। वहाँ हर समय बाबा मंदिर के
लिए गाड़ी मिलती हैं

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