‘गया जंनक्शन और बोधगया’ के बीच दौड़ेगी मेट्रो

अब जल्द हीं गया रेलवे स्टेशन और और बिहार के चर्चित स्थल बोधगया के बीच दौड़ेगी मेट्रो ट्रेन

इस पहल से सबसे ज्यादा लाभ उन लोगो को मिलेगी जो दूर-दराज, देश-विदेश से बोधगया का भ्रमण करने ट्रेन आते हैं

गया रेल जंक्शन से बोधगया के बीच मेट्रो रेल सेवा की शुरूआत करने को लेकर सरकार तथा प्रशासनिक स्तर पर कार्रवाई शुरू कर दी गई है. केंद्र सरकार के शहरी विकास मंत्रालय ने बिहार सरकार को पत्र लिखकर इस संबंध में रिपोर्ट मांगी है. नगर विकास व आवास विभाग ने भी गया के जिलाधिकारी को पत्र लिखकर मेट्रो रेल परिचालन की उपयुक्तता व उपयोगिता रिपेार्ट मांगी है

नगर विकास व आवास विभाग से पत्र प्राप्त होने के बाद गया के जिलाधिकारी कुमार रवि ने नगर आयुक्त को पत्र लिखकर इस संबंध में विस्तृत जानकारी एक सप्ताह के भीतर उपलब्ध कराने का निर्देश दिया है. गया से बोधगया के बीच मेट्रो रेल की सुविधा उपलब्ध कराने के लिए एक लंबे समय से मांग उठ रही है. कई स्वयंसेवी संगठनो के साथ-साथ राष्ट्रीय अल्पसंख्यक आयोग के भी कई सदस्यों ने सरकार को पत्र लिखकर मेट्रो सेवा शुरू करने की मांग लगातार करते आ रहे हैं. मेट्रो रेल के शुरू हो जाने से गया जंक्शन से बोधगया तक करीब 20 किलोमीटर की दूरी लोग मेट्रो रेल से कर सकेंगे. गया जंक्शन पर उतरने वाले देशी व विदेशी पर्यटक मेट्रो से बोधिमंदिर का दर्शन कर सकेंगे. जानकारी के अनुसार महाबोधि मंदिर से मगध विश्वविद्यालय होते हुए गया जंक्शन तक मेट्रो रेल की सुविधा के लिए बौद्ध संगठनों की राष्ट्रीय समन्वय समिति के सदस्य ने वर्ष 2012 में ही समिति के अध्यक्ष को पत्र लिखा था. बौद्ध संगठनों की राष्ट्रीय समन्वय समिति के अध्यक्ष नसीम अहमद ने रेल मंत्रालय को गया जंक्शन से बोधगया के बीच मेट्रो रेल सेवा शुरू कराने के लिए रेल मंत्रालय को लिखा था. रेलवे ने वर्ष 2014 में भारत सरकार के नगर विकास मंत्रालय जो मेट्रो व मोनो रेल कॉरिडोर की नोडल ऐजेंसी है, उसे कार्रवाई के लिए पत्र लिखा, साथ ही मेट्रो का प्रोजेक्ट बनाने का प्रस्ताव भी भेजा था. जानकारी के अनुसार ने केंद्र सरकार के 80 प्रतिशत तथा राज्य सरकार के 20 प्रतिशत राशि से मेट्रो रेल का कार्य किया जाएगा. गया के जिलाधिकारी कुमार रवि ने कहा कि मेट्रो रेल परिचालन के लिए उपयोगिता रिपोर्ट मांगी गई है. गया से बोधगया तक वर्षभर पर्यटक आते रहते हैं. ऐसे में मेट्रो की सुविधा होने से बेहतर होगा. रिपोर्ट में गया से बोधगया की दूरी, किस रूट से परिचालन, पर्यटकों की संख्या आदि के बारे में बताया जाएगा. एक सप्ताह के भीतर यह रिपोर्ट नगर विकास विभाग को भेज दी जाएगी.

ये खबर सुनते ही सबसे ज्यादा खुश बौद्ध भिक्षुकों और गायवासी दिख रहे हैं?

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