इस बिहारी की सोच ने Whatsaap को दिया यह नया शानदार फिचर !


दुनिया की सबसे बड़ी मैसेजिंग मोबाइल App, WhatsApp, एक बार फिर चर्चा के केंद्र में है| इस से जुड़े पोस्ट्स और आर्टिकल्स वायरल हो रहे हैं| 21 सितम्बर 2016 को टाइम्स ऑफ़ इंडिया ने भी इस अपडेट को अपने अखबार में प्रमुखता से जगह दी है|

WhatsApp पर होने वाले हर अपडेट्स अपने users को पहले से और बेहतर एक्सपीरियंस दिलवाते रहे हैं| इसबार जो अपडेट है, उसकी वजह से कई लोग चिंतित हैं तो कई खुश भी| ट्रोल करने वाले कहते हैं “अब आप WhatsApp के ग्रुप चैट में हो रही चर्चा को इग्नोर नहीं कर पाएंगे” और हम कहते हैं “अब आप ग्रुप में आपसे जुड़ी किसी महत्वपूर्ण सूचना को पाने से वंचित नहीं रह पाएंगे| तो क्या है ये अपडेट? और हम “अपना बिहार” पर उसको लेकर बात क्यों कर रहे हैं? बता दूँ इसमें एक बिहारी टैलेंट का नाम भी साफ़ तौर पर जुड़ता हुआ दिख रहा है|

अक्सर ऐसा होता है कि WhatsApp पर बने ग्रुप्स में ज्यादातर मेंबर्स एक्टिव नहीं होते| कई बार मैसेज इतने अधिक आते हैं कि लोग उन्हें इग्नोर करना शुरू कर देते हैं| इस वजह से कई बार जरूरी मैसेज भी उन तक नहीं पहुँच पाता| या फिर जरूरी सुचना तक पहुँचने के लिए ढेर सारी गैर-जरूरी मैसेजेज से हो कर गुजरना मजबूरी बन जाती है| ऐसी समस्या यूँ तो सबकी जिन्दगी में आती है लेकिन यह समस्या इतनी आम सी लगती है कि हममें से ज्यादातर इसे हल करने को लेकर कोई प्रयास नहीं करते|

WhatsApp के लेटेस्ट अपडेट के बाद इस समस्या का पूर्णतः निदान किया जा चुका है| अब जरूरी मैसेज में उससे जुड़े मेंबर को टैग किया जा सकता है, जिसका नोटिफिकेशन संबंधित मेंबर के पास जायेगा| ऐसा करने के लिए बस टेक्स्ट बॉक्स में ‘@’ सिंबल के साथ संबंधित व्यक्ति का नाम लिखना होगा| ‘@’ लिखने से ग्रुप मेंबर्स के नाम भी डिस्प्ले होंगे, जैसा फेसबुक के स्टेटस या कमेंट बॉक्स में होता है|

क्यों हो रही है चर्चा?


बिहार के समस्तीपुर के केशव झा, जो दिल्ली में एक सॉफ्टवेर फर्म KBCD INDIA के फाउंडर हैं| तकरीबन 14 सालों से सॉफ्टवेर प्रोग्रामिंग से जुड़े हुए हैं| कई बड़ी कम्पनियों में अनुभव इकठ्ठा करने के पश्चात् पिछले करीब 7 साल से KBCD INDIA के जरिये इनोवेटिव प्रोडक्ट्स बनाने और रिसर्च एंड डेवलपमेंट में अपना योगदान दे रहे हैं|

केशव झा जी भी रोजाना इस समस्या से दो-चार होते थे| उन्होंने इस पर विचार किया| पूरा आईडिया डेवेलप किया| फिर इसी सिलसिले में उन्होंने 9 महीने पहले, 7 दिसम्बर 2015 को WhatsApp सपोर्ट टीम को एक मेल भेजा| 7 को ही इन्होंने ऑटोमेटेड मेल रिसीव किया| 24 घंटे के अंदर 8 दिसंबर 2015 को WhatsApp सपोर्ट टीम के रिप्रेजेन्टेटिव का मेल आया जो कुछ इस प्रकार था-

“Thanks for the suggestion! We may not implement your idea immediately, but we value your feedback. It helps us to build a great product. ”|

केशव झा द्वारा दिसम्बर 2015 में भेजा गया मेल और उसका जवाब

महीने तक कोई बात नहीं हुई| लेकिन 9 महीने बाद WhatsApp ने ठीक उसी उदाहरण के मुताबिक ये बदलाव किया जो बहुत हद तक सकारात्मक है |

यह एक बड़ा उपयोगी बदलाव है, जिसने WhatsApp ग्रुप्स को और यूजर फ्रेंडली बनाया है| इस बदलाव की उपयोगिता को देखते हुए इसके आईडिया और आईडिया देने वाले की महत्ता स्पष्ट होती है| हो सकता ये आईडिया और भी कई लोगों ने दिया हो, परंतु हमें तो गर्व है कि एक सच्चे भारतीय और बिहार के लाल केशव झा जी ने भी इस बात को बड़े ही सुझले और सरल तरीके से विस्तृत विवरण के साथ WhatsApp जैसी बड़ी कम्पनी के साथ साझा किया था जो बड़ा ही खास और अद्वितीय घटना है| उपयोगकर्ताओं के सुझाव पर संज्ञान लेने के लिए WhatsApp कंपनी का आभार! हम यहाँ केशव जी और WhatsApp कंपनी से हुए कन्वर्सेशन की डिटेल्स भी साझा कर रहे हैं, ताकि आप भी जान पायें, बिहारियों का टैलेंट हर क्षेत्र में पैठ बनाने में किस कदर कामयाब है|

 

नेहा नूपुर: पलकों के आसमान में नए रंग भरने की चाहत के साथ शब्दों के ताने-बाने गुनती हूँ, बुनती हूँ। In short, कवि हूँ मैं @जीवन के नूपुर और ब्लॉगर भी।