गांधी सेतु का होगा जीर्णोद्धार, मसहूर कंपनी एफकॉन डालेगी स्टील का सुपरस्ट्रक्चर

उत्तर बिहार को दक्षिण बिहार से जोड़ने वाली जर्जर सेतु महात्मा गांधी सेतु के मरम्मत का कार्य कई वर्षों से तय चल रहा है. लेकिन अब इसके नवनिर्माण का का टेंडर मसहूर कंपनी एफकॉन को दे दिया गया जो की सेतु के पुराने पिलरों पर स्टील का सुपरस्ट्रक्चर डालेगी।

महात्मा गांधी सेतु के नवनिर्माण के लिए एजेन्सी का चयन कर लिया गया। सेतु के पुराने पीलरों पर नये सुपरस्ट्रक्चर डालने का काम एफकॉन कंपनी करेगी। तीन कंपनियों में इसका टेंडर सबसे कम दर का था।
जल्द ही वित्तीय टेंडर कमेटी की बैठक कर चयनित कंपनी को कार्यादेश दे दिया जाएगा। नया सुपरस्ट्रक्चर स्टील का बनेगा। अभी यह कंक्रीट का है। महात्मा गांधी सेतु को नये स्वरूप में बनाने के लिए तीन कंपनियां सामने आई थीं। दिल्ली में 20 दिन पहले सेतु के नवनिर्माण के लिए तकनीकी  टेंडर खोला गया था। बुधवार को वित्तीय टेंडर भी खोल दिया जाएगा।
इसी के साथ यह तय हो गया कि निर्माण का काम एफकॉन कंपनी को मिलेगा। इस कंपनी ने सबसे कम दर यानी 1383 करोड़ में निर्माण के लिए टेंडर डाला था। टेंडर कमेटी की बैठक के बाद चयनित कंपनी से सरकार करार करेगी। उसके बाद निर्माण शुरू होगा।
इटेंडर में गैमन इंडिया, हिन्दुस्तान कंस्ट्रक्सन और एफकॉन ने भाग लिया। पहले टेंडर 15 जुलाई तक ही लेना था, लेकिन उस समय किसी कंपनी ने भाग नहीं लिया। लिहाजा टेंडर की तारीख पांच अगस्त तक बढ़ाई गई।  उत्तर बिहार को दक्षिण से जोड़ने वाले गंगा पर बने प्रमुख महात्मा गांधी सेतु की स्थिति जर्जर है। कई वर्षों से इसकी मरम्मत कर काम चल रहा है। पिछले दिनों हुई जांच में यह साफ हो गया था कि अब इस पुल का सुपर स्ट्रक्चर बदले बिना काम चलने वाला नहीं है। जांच जायका ने किया था। सरकार ने पीलरों की ताकत की जांच आईआईटी रुड़की से कराई। उसकी रिपोर्ट के अनुसार पीलर काफी मजबूत हैं।

गांधी सेतु पर एक नजर
5.575 किमी लंबा है पुल
1383 करोड़ में फाइनल हुआ टेंडर
1742 करोड़ स्वीकृत है नवनिर्माण को
35 वर्ष पुराना है पुल
47 पाये हैं गांधी सेतु में

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