पूरे पुलिस विभाग में हड़कंप, नीतीश कुमार ने एक साथ दस थानेदार को किया सस्पेंड व् 6 को किया बरखास्त

मुख्यमंत्री नीतीश कुमार यह पहले ही कह चुके है कि वे किसी भी किमत पर शराबबंदी के अपने फैसले से पीछे नहीं हटेंगे, उसके लिए उन्हें चाहे जो भी किमत चुकाना पडे।  सरकार शराबबंदी पर सख्त है।

बिहार में शराब पीने वाले, बेचने वाले और यहां तक की रखने वालों को भी सरकार खोज खोज कर जेल में डाल रही है।

अब बिहार में शराबबंदी की नीति को कारगर ढंग से लागू नहीं करने वाले थानेदारों पर गाज गिरनी शुरू हो गई है।  इस क्रम में सरकार ने एक साथ दस थानेदारों समेत 16 पुलिसकर्मियों को दोहरा झटका दिया है।

 

अपने-अपने इलाके में शराब की बिक्री और उत्पादन पर अंकुश लगाने में नाकाम रहने वाले ऐसे दस थानेदारों को निलंबित करने के साथ ही सरकार ने उनके प्रोमोशन पर भी रोक लगा दी है. सरकार ने जिन थानेदारो को सस्पेंड किया है उनमें पटना से सटे फुलवारीशरीफ और मसौढ़ी, जहानाबाद जिले के मखदुमपुर के अलावा चांद, डिहरी, मरंगा, रूपौली, सुल्तानगंज, मोतिहारी मुफ्फसिल, रून्नीसैदपुर और बैरगनिया थानों के थानेदार शामिल हैं.

प्रेस ब्रीफ करते एडीजी सुनील कुमार

जिन थानेदारों को सस्पेंड किया गया है वे अगले 10 सालों तक न तो किसी प्रोमोशन के हकदार होंगे और न हीं किसी थाने में थानेदार बनाय जायेंगे।  पुलिस एडी़जी सुनील कुमार ने बताया कि इसके अलावा सरकार ने छह ट्रेनी पुलिसकर्मी जो की सिपाही रैंक के हैं को भी लापरवाही बरतने के कारण बर्खास्त किया है.

सरकार के इस कारबाई से पूरे पुलिस विभाग में हरकंप है।  इस कारबाई के बाद बिहार में शराब के खिलाफ पुलिस की और आक्रामक कारबाई दीख सकती है।

गौरतलब है कि शराबबंदी के नये कानून लागू करने के दौरान ही सीएम नीतीश कुमार ने चेतावनी देते हुए कहा था कि जिन इलाकों में शराब की बिक्री या उत्पादन के मामले सामने आएंगे तो इसकी गाज वहां के थानेदारों पर गिरेगी.

 

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