विश्व बैंक के डायरेक्टर के पद पर भी एक बिहारी है

पटना: बिहार की मिट्टी ने अपनी प्रतिभा का लोहा दुनिया भर में मनवाया है। अपनी प्रतिभा की चमक वे दुनिया भर में विखेर रहें है और बिहार एवं देश नाम रौशन कर रहें है।  ऐसे ही प्रतिभाशाली बिहारी के लंबी लिस्ट में एक नाम है बिहार के सहरसा जिले के श्री सरोज झा। 

 

सहरसा जिले के बनगांव निवासी सेवानिवृत्त बीडीओ मदन मोहन झा व कुंता देवी के पुत्र सरोज कुमार झा विश्व बैंक के सीनियर डायरेकटर है। वे 1990 बैच के आइएएस अधिकारी रह चुके हैं। उन्होंने कानपुर आइआइटी से सिविल इंजीनियरिंग व डवलपमेंट इकोनॉमिक्स की डिग्री हासिल की है।

 

सरोज कुमार झा की स्कूली शिक्षा बनगांव प्राथमिक स्कूल में हुई. रांची के संत जेवियर्स उन्होंने इंटर किया और फिर उनका सलेक्शन आईआईटी के लिए हो गया.


सरोज झा ने विश्व बैंक में अपने करियर की शुरुआत वर्ष 2005 में की थी. उस समय वे वरिष्ठ ढांचागत विशेषज्ञ के रूप में नियुक्त किए गए थे. इससे पहले सरोज झा यूनाइटेड नेशन के डेवलपमेंट प्रोग्राम के लिए सीनियर एग्जीक्यूटिव के रुप में भी काम कर चुके हैं.

 

इसी वर्ष एक फरवरी को  एक फरवरी को विश्व बैंक के अध्यक्ष जिम यंग ङ्क्षकग ने उन्हें कमजोरी, टकराव व ङ्क्षहसा की चुनौती से निपटने के लिए अग्रणी नेतृत्व की भूमिका निभाने का काम सौंपा है।

 

स्कूली शिक्षा हुई गांव में

सरोज कुमार झा की स्कूली शिक्षा बनगांव एलीमेंट्री स्कूल में हुई जबकि मिडिल बेगूसराय और हाई स्कूल तक की शिक्षा पथरगामा (अभी झारखंड) में हुई। संत जेवियर्स, रांची से उन्होंने इंटर किया और फिर आइआइटी में उनका सेलेक्शन हो गया।

 

सरोज कुमार झा की इस उपलब्धि पर उनके मुहल्ले और गांव के लोगों में जबरदस्त उत्साह है। अपने घर और यहां की माटी से सरोज का गहरा लगाव है। यही वजह है कि वे हर दो-तीन माह पर एक बार जरूर सहरसा आते हैं।

कहा सरोज झा ने-

सहरसा और कोसी क्षेत्र पर मुझे गर्व है। इस इलाके में काफी संभावनाएं हैं। विश्व बैंक का सीनियर निदेशक बनने के बाद वे जल्द ही सहरसा आएंगे। सहरसा में उनके माता-पिता रहते हैं।

– सरोज कुमार झा, आइएएस

जहां कई लोग बडे पद या कामयाबी मिलते ही अपने गाँव व् समाज को भूल जाते हैं तो वही दुनिया के इतने बडे पद पर पहुंचने के बाद भी सरोज झा, अपने गाँव समाज व् अपने राज्य को नहीं भूले।  बिहार को गर्व है अपने इस लाल पर।

 

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