200 देशों में बिक रही है इस बिहारी द्वारा लिखित प्रेमकथा

बिहार ने देश को कई महान लेखक दिया है। राष्ट्रकवि रामधारी सिंह दिनकर,  कलम के जादूगर रामवृक्ष बेनीपुरी, फणीश्वर नाथ ‘ रेणु ‘ और महान विद्यापति सहीत कई साहित्कार ने बिहार का नाम रौशन किया है।

 

वर्तमान में भी कई बिहारी अपनी लेखनी से बिहार का नाम रौशन कर रहें हैं तो कई युवा लेखक तेजी से इसमें अपना पहजान बना रहें हैं।  उसी में से एक है बिहार के मुंगेर जिला स्थित धरहरा प्रखंड के दशरथपुर इटवा गावं निवासी सत्यम स्वरुप।  जो मधयमवगीॅय परिवार का है। उसके पिता प्रेम शंकर सिन्रहा एलाइसी के एजेंट हैं। सत्यम 10 वीं तक की पढाई डीएवी मुंगेर से की है, और 12 वीं की पढाई इंटर काॅलेज दशरथपुर से की है।

सत्यम ने आपन बिहार से बातचीत में बताया कि उसे बचपन से ही लिखने का शौक था। 12 वीं करने के बाद उसके परिजनों ने इंजीनियरिंग कि पढाई के लिए उसे जयपुर भेज दिया। SKIT काॅलेज से वह बी-टेक सिविल इंजीनियरिंग कर रहा है। उसने साहित्यकार रविंद्र सिंह के कई उपन्यास पढकर उनको अपना आदर्श मान कर साल 2014 के सितम्बर माह मे What’s opposite of two “a lonely me and a lonely you” लिखना प्रारंभ किया, जो कि मार्च 2016 मे पूरा हुआ।

 

सत्यम ने बताया कि मार्च मे जब उसका उपन्यास पूरा हुआ तो वह उसके प्रकाशक कि खोज मे भीड़ गया। भारत के दर्जनों पब्लिकेशन को उसने उपन्यास प्रकाशन के लिए भेजा लेकिन एक भी अहले दर्जे का पब्लिकेशन से उसे जवाब नही आया। उसके बावजूद भी उसने उम्मीद नही छोड़ी, नेट पर सर्च करने के दौरान उसने अपनी इस रचना विदेशी पब्लिकेशन मे भेजी कुछ समय बाद “पाट्रिज पब्लिकेशन” ने उसे छापने को तैयार हो गया जो कि जूध 2016 मे प्रकाशित हुआ।
What’s opposite of two “a lonely me and a lonely you” एक रचनात्मक प्रेम कथा है। यह उपन्यास एक युवक की है, जो शिक्षा ग्रहण करने घर से बाहर जाता है। इस उपन्यास मे उस युवक ने कैसे अपनी प्रेमिका को खुश रखने के लिए क्या किया है और किस हद तक गया है।

यह उपन्यास विश्व के 200 देशों मे आनलाइन मिल रही है, भारत मे यह उपन्यास amazon,  kindle पर भी मिल रहा है।

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