जेएनयू विवाद: जांच के लिए भेजे गए 4 विडियो सही पाए गए

फोफोर्ब्स ने कन्हैया कुमार के बारे में कहा है कि भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी के 32 वर्षीय नेता कन्हैया कुमार जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय में छात्र राजनीति का चेहरा उस समय बन गये, जब 2016 में देशद्रोह के आरोपों का जवाब दिया था। उन्होंने जेएनयू से डॉक्टरेट की उपाधि प्राप्त की है. बिहार के बेगूसराय निर्वाचन क्षेत्र से सीपीआई के टिकट पर साल 2019 के लोकसभा चुनाव के दौरान उन्होंने पहली लड़ाई लड़ी. हालांकि, वह बीजेपी के गिरिराज सिंह से 4.2 लाख वोटों से हार गये, लेकिन वह 22.03 प्रतिशत वोट हासिल करने में सफल रहे. राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि उनके लिए शुरुआती दिन हैं. कन्हैया कुमार देश और सरकार की नीतियों पर सवाल उठाते हुए सक्रिय रूप से देश भर में घूम-घूम कर विचार प्रकट करते रहे हैं. वह भविष्य में भारतीय राजनीति में शक्तिशाली पहचान बनाने की कोशिश कर रहे हैं.

नई दिल्ली
9 फरवरी को जवाहरलाल नेहरू यूनिवर्सिटी (जेएनयू) में आयोजित एक कार्यक्रम के दौरान देश विराधी नारे लगाने के मामले में अहम मोड़ आया है। इस कार्यक्रम के दौरान रिकॉर्ड किए गए और कुछ न्यूज चैनलों पर दिखाए गए विडियो की सत्यता पर सवाल खड़े किए गए थे। लेकिन गांधीनगर फॉरेंसिक साइंस लैबरेटरी में जांच के लिए भेजे गए विडियो में से 4 सही पाए गए हैं।

हालांकि अभी कुछ और विडियो की जांच रिपोर्ट का इंतजार है, जिसमें एक वह विडियो भी शामिल है, जिसे विभिन्न न्यूज चैनलों पर दिखाया गया है। इसी विडियो पर आरोप लगाए गए थे कि इसके साथ छेड़छाड़ की गई है।

विडियो क्लिप्स को सीबीआई की सेंट्रल फॉरेंसिक साइंस लैबरेटरी में भेजा गया था। दिल्ली पुलिस स्पेशल सेल के स्पेशल कमिश्नर अरविंद दीप ने बताया, ‘गांधीनगर लैबरेटरी में जांच के लिए भेजे गए 4 विडियो क्लिप की रिपोर्ट मिली है। इन विडियों को सही पाया गया है। दूसरे विडियो क्लिप की जांच रिपोर्ट का इंतजार किया जा रहा है।’

इन विडियो क्लिप्स में एक को छोड़ दिया जाए, तो अधिकतर कैंपस के भीतर सुरक्षाकर्मियों और छात्रों द्वारा ही शूट किए गए हैं। ये सुरक्षाकर्मी और स्टूडेट्स उस इवेंट के दौरान वहां मौजूद थे, जिसमें कथित तौर पर देश विरोधी नारे लगाए जाने का आरोप है। एक विडियो क्लिप हिंदी न्यूज चैनल के कैमरे से शूट किया गया है।

स्पेशल कमिश्नर ने बताया कि लैबरेटरी न्यूज चैनल के कैमरा, स्टोरेज कार्ड और वायर समेत तमाम उपकरणों की भी जांच कर रही है। इन्हीं विडियो के आधार पर कैंपस में देश विरोधी नारे लगाने में शामिल लोगों की पहचान की गई थी। इससे पहले दिल्ली की आम आदमी पार्टी की सरकार ने भी कुछ विडियो की फॉरेंसिक जांच का आदेश दिया था।

इस जांच में पाया गया था कि जेएनयू में इवेंट के दौरान के 2 विडियो के साथ छेड़छाड़ की गई थी। विडियो में मौजूद आवाज उस व्यक्ति की नहीं थी, जो वहां मौजूद थे। दिल्ली सरकार की तरफ से 7 विडियो क्लिप्स जांच के लिए हैदराबाद की लैब में भेजे गए थे। इसमें 2 के अलावा बाकी के 5 विडियो सही पाए गए थे।

9 फरवरी को जेएनयू में संसद पर हमले के दोषी आतंकी अफजल गुरु की फांसी के खिलाफ एक कार्यक्रम का आयोजन किया था गया था। इसी कार्यक्रम में कथित तौर पर देशविरोधी नारे लगाए गए थे। इसके बाद पुलिस ने कई स्टू़डेंट्स पर राजद्रोह और आपराधिक षड्यंत्र का केस दर्ज किया था।

इसी मामले में जेएनयू छात्र संघ के अध्यक्ष कन्हैया कुमार के अलावा दो अन्य छात्रों उमर खालिद और अनिर्बान भट्टाचार्य को राजद्रोह के आरोप में गिरफ्तार किया गया था। फिलहाल ये छात्र जमानत पर रिहा हैं।

सभार- नवभारत टाईम्स

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