बिहार को मिला दो-दो कृषि कर्मण पुरस्कार, चार बिहारी किसान भी हुए सम्‍मानित

बिहार के लोग हर क्षेत्र में अपने हुनर से सबको अपना मुरीद बनाते रहते हैं| बिहार के युवा अपने कला और कलम के जरिये वे अपनी क़ाबलियत को प्रदर्शित तो करते ही रहते हैं| इसके अलावा बिहार के लोगों ने किसानी में भी सभी राज्यों को पीछे छोड़ दिया है|

बेंगलुरु के तुकाकुरु में आयोजित एक कार्यक्रम में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गेहूं व मक्का का सर्वाधिक उत्पादन करने वाले चार बिहारी किसानों को कृषि कर्मण पुरस्कार से सम्मानित किया|

साथ ही वर्ष 2016-17 में मक्का और 2017-18 में गेहूं के सर्वाधिक उत्पादन करने के लिए भी राज्य सरकार को कृषि कर्मण पुरस्कार से सम्मानित किया गया| दोनों पुरस्कार के लिए 2-2 करोड़ की राशि मिली। ट्रॉफी व प्रशस्ति पत्र दिया गया।

कृषि कर्मण सम्मान गेहूं, चावल, दालें और मोटे अनाज में उत्कृष्ट प्रदर्शन करने वाले राज्यों को दिया जाता है। बिहार को 2016-17 में मक्का और 2017-18 में गेहूं में श्रेष्ठ उत्पादन के लिए यह पुरस्कार दिया गया है। दोनों फसलों में बिहार ने देश में पहला स्थान प्राप्त किया है। बिहार को पांचवी बार कृषि कर्मण दिया गया है। इसके पहले तीन बार और यह पुरस्कार मिल चुका है। सबसे पहले 2011-12 में चावल के लिए यह पुरस्कार दिया गया था।

इन किसानों को मिला पुरस्कार  

2016-17 में मोटे अनाज मसलन मक्का के बेहतर उत्पादन के लिए किशनगंज के दिघलबैंक प्रखंड के मदन कुमार सिंह और जमुई जिले के जमुई प्रखंड की महिला किसान मृदुला देवी को, जबकि वर्ष 2017-18 में गेहूं उत्पादन के लिए मुंगेर जिले के धरहरा प्रखंड के तरुण कुमार विकास और खगड़िया जिले के अलौली प्रखंड की महिला किसान बबिता देवी को पीएम ने सम्मानित किया|

गौरतलब है कि 2016-17 में बिहार में मक्का का उत्पादन 38.46 लाख टन हुआ। उत्पादकता 53.35 क्विंटल प्रति हेक्टेयर आया। यह रिकार्ड है। इस साल मक्का उत्पादकता राष्ट्रीय स्तर पर सर्वाधिक हुआ। 2016-17 में कुल खाद्यान्न उतपादन 185.61 लाख टन मिला था। 2017-18 में राज्य में गेहूं का उत्पादन 61.04 लाख टन और उत्पादकता 29.09 क्विंटल प्रति हेक्टेयर मिला। इस साल कुल खाद्यान्न उत्पादन 178.03 लाख टन हुआ।

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