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क्या बिहार से फिर बनेगा कोई रेल मंत्री?

केंद्र में दुबारा बनने जा रही मोदी सरकार की अगली कैबिनेट में बिहार से पिछली बार से अधिक नेताओं की भागीदारी लगभग तय है। पिछले लोकसभा चुनाव में एनडीए ने 31 सीटें जीती थी तो मोदी कैबिनेट में आठ मंत्री थे।

इस बार 39 सांसदों की जीत के आधार पर यह माना जा रहा है कि मोदी सरकार के दूसरे कार्यकाल में 10 मंत्री बन सकते हैं। संख्या बल के हिसाब से यह कयास भी लगाए जा रहे हैं कि बिहार को इस बार रेलवे, संचार, कृषि, ऊर्जा, ग्रामीण विकास जैसे अहम मंत्रालय मिल सकते हैं।

केंद्र सरकार के पिछले कार्यकाल को देखें तो सांसदों की संख्या के अनुसार ही केंद्रीय मंत्रिमंडल में बिहारी सांसदों की भागीदारी होती रही है। वर्ष 1999 की अटल सरकार में वर्तमान बिहार से 13 मंत्री थे। वहीं, वर्ष 2004 में बिहार से यूपीए के 28 सांसद जीतकर लोकसभा पहुंचे तो 11 सांसदों को मंत्रिमंडल में स्थान मिला था। 2009 में सत्ताधारी दल कांग्रेस के दो सांसद जीते तो मंत्रिमंडल में बिहार की भागीदारी शून्य हो गई। हां, मीरा कुमार जरूर लोकसभा अध्यक्ष बनी थीं। 2014 में जब फिर से सत्ताधारी दल के 31 सांसद जीते तो आठ सांसदों को मंत्रिमंडल में जगह मिली।

इस बार एनडीए की शानदार जीत के बाद मोदी सरकार में मंत्रियों की संख्या के साथ ही बिहार को अहम मंत्रालय भी मिलने के आसार अधिक हैं। इसमें एक रेल मंत्रालय का भी नाम मिडिया में आ रहा है| कहा जा रहा है कि एक बार फिर रेल मंत्रालय बिहार के किसी नेता को दिया जा सकता है| ज्ञात हो कि रेल मंत्रालय का बिहार से बहुत पुराना नाता है| बिहार ने अबतक देश को सबसे ज्यादा रेलमंत्री दिया है| मौजूदा एनडीए में सामिल रामविलास पासवान और बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार भी केंद्र सरकार में रेल मंत्री रह चुके हैं| अबतक बिहार से 8 रेलमंत्री बन चुके हैं| अगर इसबार भी रेल मंत्रालय बिहार के किसी नेता को दिया गया तो एकबार फिर बिहार अपना रिकॉर्ड तोड़ेगा|

बिहार से रेल मंत्री बने नेताओं पर एक नजर :

1.बाबू जगजीवन राम (1962)
2. राम सुभग सिंह (1969)
3. ललित नारायण मिश्र (1973)
4. केदार पांडेय (1982)
5. जॉर्ज फर्नाडीस (1989)
6. रामविलास पासवान (1996)
7. नीतीश कुमार 1998 और 2001 (दो बार)
8. लालू प्रसाद यादव (2004)

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