Bus To Patna: आज मम्मी का बहुते याद आ रहा है

पटना आए आज तीन महीना हो गया. कोचिंगो सब जोआइन कर लिए हैं. भोरे उठ के मैथ का क्लास करने बाजार समिति जाते हैं.. आते-आते दस बज जाता है.. पटना के धूपा ता आप जनबे करते हैं केतना जानमारू होता है.. जरल धूपा में बाजार समिति से भूखे-पियासे रूम पहुँचने में मिर्गी छूट जाता है.. ऊ ता उधर केला सस्ता मिल जाता है ता थोड़ा-बहुत जान बचा लेता है.. फिर भरल दुपहरिया मुसल्लहपुर हाट फिजिक्स का क्लास लेने चल देते हैं.. ईहाँ बहुत भीड़ है जी.. हमारे क्लास में बारह-तेरह सौ से ज्यादा बच्चा पढ़ता है.. ऊपर से मास्टर भी अंग्रेजी में पढ़ाता है.. कभियो थोड़ा सा लेट हो गए तो क्लास में सबसे पीछे बैठिए.. उहाँ से मास्टर साहब अपने तनिके गो के दीखते हैं ता ब्लैकबोर्ड पर लिख्खल का दिखेगा!

आज घरे का बहुत याद आ रहा है. मम्मी को याद करके बहुत रोआई छूट रहा है. कोचिंग से आए ता बहुत भूख लगा था. खाना बनाने गए तो गैसे खतम हो गया. गैस भराके आए, रात वाला जूठा बर्तन धोए फिर मैगी बनाकर खाए. घर पर रहते थे त भरल बाटी दाल खाली इस बात पर पलटा देते थे कि घी काहे नहीं है इसमें. इहाँ दाल बनाते हैं ता सब्जी नहीं, सब्जी बनाए ता दाल नहीं. आज खूब रोए हैं लेकिन मम्मी को पता नहीं चलने दिए. डेली रात को फोन आता है मम्मी का.

का बाबू, कैसन हो? खाना खाए कि नहीं? पढ़ाई ठीक से चल रहा है ना? पईसा-ओइसा के दिक्कत हो तो बताना, पिताजी भेजवा देंगे.. हम अपना रोआई दबा के कहते हैं, हाँ मम्मी, ठीक हैं हम. कोनो दिक्कत नहीं है. खाना-पीना भी एकदम टाइम से होता है.. क्या करें, झूठ बोलना पड़ता है, सच बोल दें ता मम्मी के करेजा ना फट जाएगा. बोल देंगे कि घर के आगे नल्ला बहता है आ बदबू से खाया नहीं जाता त उधर गाँव में मम्मियो को एक्को कौर खाना नहीं घोंटाएगा..!!

शाम को कोचिंग से लौटते समय डेली मंचूरियन आ बोनलेस खा लेते हैं.. खाना पड़ता है! अपने से खाना बनाते-बनाते भूखो मर जाता है, ऊपर से कोचिंग जाने का जल्दीबाजी. हमारा सीनियर भईया लोग कहा है कि एक्को दिन क्लास छूटा ता अगला क्लास में कुच्छ समझ में नहीं आएगा.. हम तीन महीना से कांटिन्यू बिना नागा किए क्लास जा रहे हैं, फिर भी हमको कुच्छ समझ में नहीं आ रहा.. सब उपरे-उपरे उड़ जाता है लेकिन का करें? पईसा बहुत लग गया है ना जी, जाना तो पड़ेगा.. रूकिए ज़रा पिताजी का फोन आ गया..

“हेल्लो हाँ पिताजी परनाम.. आप ठीक हैं? हम ठीक नहीं हैं.. आज रात में बस पकड़ के घरे आ रहे हैं.. अरे कुछ नहीं हुआ है.. आप सब टेंशन काहे ले रहे हैं.. दू दिन से तबियत कनी अनमनाएल था, डॉक्टर जौंडिस का लक्षण बताया है..”

Search Article

Your Emotions