रेल मंत्री सुरेश प्रभु ने रेल दुर्घटनाओं की नैतिक जिम्मेदारी लेते हुए दिया इस्तीफा

रेल मंत्री सुरेश प्रभु ने हाल में हुई रेल दुर्घटनाओं की ‘पूरी नतिक जिम्मेदारी’ लेते हुए बुधवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मिलकर इस्तीफे की पेशकश की। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री ने उनसे ‘इंतजार’ करने को कहा है। पिछले चार दिनों में दूसरी रेल दुर्घटना के बाद प्रभु प्रधानमंत्री से मिले और हादसों और अन्य हालात की ‘पूरी नैतिक जिम्मेदारी’ ली। उन्होंने ट्वीट कर कहा, “प्रधानमंत्री ने मुझसे इंतजार करने को कहा है।”

रेल मंत्री ने कहा, “मैं दुर्भाग्यपूर्ण हादसों से गहरे सदमे में हूं, जिनमें कई यात्रियों की जान गई और लोग जख्मी हुए हैं। इसने मुझे गहरा सदमा दिया है।”

बता दें कि यूपी के खतौली हादसे में उत्कल एक्सप्रेस के हादसे में 22 लोगों की मौत हो गई थी। जबकि बुधवार को एक एक्सीडेंट में 80 लोग घायल हो गए थे। प्रभु के टैन्योर में 20 हादसे, 9 काफी बड़े थे|

ऐसी उम्मीद की जा रही है कि मनोज सिन्हा को रेलमंत्री का पद सौंपा जा सकता है, क्योंकि वे इस विभाग में राज्यमंत्री हैं और उनका प्रदर्शन बहुत अच्छा रहा है| हालांकि उनका कद उतना बड़ा नहीं है, जितना अबतक के रेलमंत्रियों का रहा है| इधर रेलवे बोर्ड के चेयरमैन एके मित्तल के इस्तीफे के बाद एयर इंडिया के चेयरमैन अश्विनी लोहानी को रेलवे बोर्ड का चेयरमैन बनाया गया है|

– नवंबर 2014 में प्रभु को मोदी ने रेलवे जैसी अहम मिनिस्ट्री दी थी। इसके बाद से उनके टैन्योर में करीब 20 रेल हादसे हुए। इनमें से 9 बड़े एक्सीडेंट रहे।
1) एनीकल डिरेलमेंट
– 13 फरवरी 2015 को शाम सात बजे बेंगलुरु-एर्नाकुलम इंटरसिटी एक्सप्रेस पटरी से उतर गई। दो कोच में बैठे 10 लोगों की मौत हुई। 154 जख्मी हुए।
2) जनता एक्सप्रेस डिरेलमेंट
– देहरादून-वाराणसी एक्सप्रेस 20 मार्च 2015 को राय बरेली में डिरेल हुई। 58 लोगों की मौत हुई जबकि 150 घायल हुए। वजह टेक्नीकल फैल्योर थी।
3) कौशाम्बी डिरेलमेंट
– 25 मई 2015 को राउरकेला-जम्मू तवी मुरी एक्सप्रेस यूपी के कौशाम्बी में डिरेल हुई। पांच लोगों की मौत और 50 घायल हुए।
4) कामायनी-जनता एक्सप्रेस डिरेलमेंट
– मध्य प्रदेश के हरदा में 4 अगस्त 2015 को कामायनी और जनता एक्सप्रेस डिरेल हुईं। खास बात ये थी कि दोनों ही ट्रेनें एक के बाद एक और एक ही स्पॉट पर डिरेल हुईं। 31 लोगों की मौत हुई जबकि करीब 100 लोग घायल हुए।
5) दुरंतो एक्सप्रेस डिरेलमेंट
– सिकंदराबाद-लोकमान्य तिलक दुरंतो एक्सप्रेस कर्नाटक के कलबुर्गी में डिरेल हुई। 2 लोगों की मौत जबकि 7 घायल हुए।
6) कालका-शिमला डिरेलमेंट
– नैरो गेज ट्रेन शिवालिक क्वीन 12 सितंबर 2015 को डिरेल हुई। इसमें 36 ब्रिटिश टूरिस्ट्स भी थे। 2 की मौत जबकि 15 घायल हुए।
7) इंदौर-पटना एक्सप्रेस डिरेलमेंट
– 20 नवंबर 2016 को यह हादसा हुआ। इंदौर-पटना एक्सप्रेस कानपुर में हादसे का शिकार बनी। 150 पैसेंजर्स की मौत हुई। जबकि इतने ही घायल हुए।
8) हीराखंड एक्सप्रेस डिरेलमेंट
– जगदलपुर से भुवनेश्वर जाने वाली हीराखंड एक्सप्रेस विजयानगर में डिरेल हुई। 41 लोग मारे गए जबकि 84 घायल हुए।
9) उत्कल एक्सप्रेस डिरेलमेंट
– 19 अगस्त को यूपी के खतौली में हादसे का शिकार हुई। 22 लोगों की मौत हुई। 35 घायल हुए।

 

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