पढिये इस्‍तीफे के बाद क्या कहा नीतीश कुमार ने ?

नीतीश कुमार ने बिहार के मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दे दिया है. बुधवार शाम राज्यपाल से मिलकर उन्होंने इस्तीफा सौंप दिया. इसी के साथ ही 20 महीने से चल रही महागठबंधन (जेडीयू-कांग्रेस-आरजेडी) की सरकार का अंत हो गया. बता दें कि पिछले 15 दिन से बिहार में सियासी खींचतान चल रही थी. लालू यादव के बेटे और बिहार में डिप्टी सीएम तेजस्वी पर करप्शन के आरोपों के चलते विवाद चल रहा था.

 

नीतीश कुमार ने इस्‍तीफे के बाद कहा कि उन्‍होंने गठबंधन धर्म का पालन किया. इस माहौल में मेरे लिए काम करना, नेतृत्‍व करना संभव नहीं. हमने कभी किसी का इस्‍तेमाल नहीं किया. जो भी आरोप लगे हैं उन्‍हें एक्‍सप्‍लेन कीजिए. आम जनता के बीच जो अवधारणा बन रही है उसे ठीक करने की जरूरत है.

 

 

 

हमने किसी का इस्‍तीफा नहीं मांगा है. यह हमारे अंतरात्‍मा की आवाज है. यह कोई संकट नहीं है. यह अपने आप लाया गया संकट है. हमने इतने दिनों तक इंतजार किया और लगा कि अब काम नहीं हो पाएगा. राहुल गांधी से भी इस्‍तीफे की बात हुई है. हमने नोटबंदी का समर्थन किया. इस पर ना जाने क्‍या-क्‍या आरोप लग गए. हमने जो जनहित में था उसका समर्थन किया.

 

 

अब तक जो जानकारी मिल रही है उसके मुताबिक नीतीश खुद इस्तीफा देने के बाद मंत्रिमंडल को भी भंग करने की सिफारिश राज्यपाल से कर सकते हैं. बुधवार की सुबह ही पार्टी के वरीय नेता और प्रधान महासचिव केसी त्यागी ने इस बात के संकेत दिये थे. तेजस्वी पर इस्तीफे के लिये बन रहे दबाव के बाद भी उन्होंने इस्तीफा नहीं दिया था जिसके बाद से ही ये कयास लगाये जा रहे थे कि सीएम नीतीश कुमार अपने पद से कभी भी इस्तीफा दे सकते हैं.

 

 

 

बुधवार को लालू और तेजस्वी ने विधानमंडल की बैठक के बाद एक बार फिर से इस्तीफा न देने की बात कही थी जिसके बाद से ही जेडीयू के विधानमंडल दल की बैठक को महत्वपूर्ण माना जा रहा था.

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