लालू यादव के इस दांव से नहीं टूटेगा महागठबंधन और बनी रहेगी नीतीश की छवि

जदयू ने तेजस्वी यादव के मामले में आरजेडी को चार दिन का समय दिया था। एक दिन बीत गये, लेकिन सवाल उठ रहे हैं कि क्या तेजस्वी यादव इस्तीफा देंगे। कांग्रेस, लालू की पार्टी आरजेडी और जेडीयू के बीच जारी गतिरोध का जल्द से जल्द पटाक्षेप चाहती है। चूंकि नीतीश कुमार की पार्टी ने साफ कर दिया था कि जिनको आरोपी बनाया गया है, उम्मीद करते हैं कि वे तथ्यों के साथ जनता के समक्ष अपनी बेगुनाही साबित करेंगे।

 

जदयू नेता रमई राम ने कहा था कि किसी भी फैसले के लिए बैठक में नीतीश कुमार को अधिकृत कर दिया गया है। चार दिन बाद जारी गतिरोध को लेकर सबकुछ साफ हो जाएगा। सुशील मोदी ने कहा कि लालू के पास अब केवल एक विकल्प है कि वो तेजस्वी से इस्तीफा दिला कर सरकार बचा लें। उन्होंने कहा कि ये पुलिस की नहीं बल्कि सीबीआई की एफआईआर है और तथ्यों के आधार पर ही सीबीआई एफआईआर दर्ज करती है।

 

सूत्रों का कहना है कि तेजस्वी मामले में पहले से आरोपों का सामना कर रहे लालू यादव मामले को और ज्यादा लंबा न खींचते हुए तेजस्वी यादव समेत 12 अन्य मंत्रियों से भी इस्तीफे के लिए कह सकते । यानी लालू यादव बिना शर्त समर्थन सरकार को बाहर से समर्थन देंगे। इस तरह से लालू बीजेपी को नीतीश के करीब नहीं आने देंगे और अपनी खोई हुई प्रतिष्ठा बचाने का भी प्रयास करेंगे ।

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