दिल्ली में हार के बाद भी जदयू में खूशी की लहर…

दिल्ली नगर निगम चुनाव के नतीजों के बाद भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) में हर्षित हैं।।वही दूसरी ओर बिहार में जनता दल यूनाइटे ओरड (जदयू) हारकर भी हौसले बुलंद है। जदयू को इस हार में खुश दिख रही है।विगत वर्षों में भाजपा सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी है जो लगातार मजबूत होती स्थिति से चिंतित विपक्ष ने एकता की गंभीर पहल शुरू कर दी है।जिसकी पहल  कांग्रेस की तरफ से खुद पार्टी अध्यक्ष सोनिया गांधी ने तेजी से किया हैं।

दरअसल, विपक्ष अब सीधे नीतीश कुमार को सबसे बङा नेता के रूप में देख रही है। उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव में समाजवादी पार्टी (सपा) व बहुजन समाज पार्टी (बसपा) की हार के साथ अखिलेश यादव व मुलायम सिंह यादव तथा मायावती जैसे नेताओं का कद घट गया है। दिल्ली नगर निगम चुनाव में हार के बाद दिल्‍ली के मुख्‍यमंत्री अरविंद केजरीवाल भी भी कमजोर पड़े हैं।जिसका सीधा सीधा लाभ नीतीश को मिलता दिख रहा है।

 

अखिलेश, मुलायम, मायावती व अरविंद केजरीवाल की विभिन्‍न चुनावों में हार के बाद विपक्ष के पास अब मात्र नीतीश कुमार विकल्प के तौर पर देखे जा रहे हैं। जदयू का मानना है कि महागठबंधन के नेता के रूप में नीतीश कुमार एकमात्र चेहरा बचे रह गए हैं और इनकी छवि भी साफ-सुथरी है।

जदयू नेता श्याम रजक के अनुसार राष्‍ट्रीय स्‍तर पर भाजपा को शिकस्‍त देने के लिए नीतीश कुमार के नेतृत्‍व में बिहार मॉडल पर चलना होगा।जिससे भाजपा को टक्कर देना सरल उपाय हैं।वही जदयू प्रवक्ता नीरज कुमार ने कहा कि नीतीश कुमार को प्रधानमंत्री पद के लिए सर्वश्रेष्ठ चेहरे के रूप में देख रहे हैं।

सूत्र बताते हैं कि क्षेत्रीय दलों का राष्‍ट्रीय दल कांग्रेस पर विपक्षी एकता का दबाव है। इस दबाव में कांग्रेस की तरफ से खुद पार्टी अध्यक्ष सोनिया गांधी ने विपक्षी एकता की पहल तेज की है।

 

सूत्रों के अनुसार, यूपीए (गठबंधन) को बड़ा आकार देते हुए पूरे स्वरूप में बदलाव का भी एक ब्लूप्रिंट तैयार किया गया है। इसमें कांग्रेस के साथ जदयू सुप्रीमो नीतीश कुमार और एनसीपी सुप्रीमो शरद पवार की बड़ी भूमिका बताई जा रही है।

 

सूत्रों की मानें तो यूपीए-2 को विस्तार देते हुए कांग्रेस की अगुवाई में संयुक्त विपक्षी दलों की एक समन्वय समिति बनाने की तैयारी अंतिम चरण में है। इस समन्‍वय समिति की अध्‍यक्ष सोनिया गांधी को बनाया जा सकता है, जबकि नीतीश कुमार संयोजक बनाए जा सकते हैं।जिसमे नीतीश को इस राष्‍ट्रीय गठबंधन में संयोजक की भूमिका दी जा सकती हैं साथ ही शरद पवार की भी अहम भूमिका होगी।

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