आज से चंपारण शताब्दी वर्ष शुरु, बापू के याद में गांधीमय हुआ पूरा बिहार

महात्मा गांधी के पहले सत्याग्रह के 100 साल पूरे होने पर सोमवार से ‘चंपारण सत्याग्रह शताब्दी समारोह’ की शुरुआत होने जा रही है. यह समारोह एक साल तक चलेगा और 20 अप्रैल, 2018 को इसका समापन होगा. इसकी शुरुआत दो दिनों के ‘राष्ट्रीय विमर्श’ के साथ होने जा रही है, जो पटना के सम्राट अशोक कन्वेंशन सेंटर के ज्ञान भवन में होगा. इसमें महात्मा गांधी के पौत्र-पौत्री समेत देश के जाने-माने 52 गांधीवादी विचारक, समाजसेवी, मुख्यमंत्री नीतीश कुमार, शिक्षा मंत्री डॉ अशोक चौधरी शामिल होंगे. राज्य सरकार ने साल भर चलने वाले इस समारोह के कार्यक्रम तय किये हैं.

 

10-11 अप्रैल को पटना में जहां राष्ट्रीय विमर्श होगा, वहीं 11 अप्रैल को मुजफ्फरपुर में चंपारण सत्याग्रह स्मृति समारोह का आयोजन किया जायेगा. इसमेें महात्मा गांधी को जिस प्रकार गाड़ी में बैठा कर खींचा गया था, उसे नाट्य रूपांतरण के जरिये दिखाया जायेगा. समारोह में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार भी शामिल होंगे. जन शिक्षा निदेशालय के 124 कला जत्थे भी अगले एक साल तक पंचायतवार नुक्कड़ नाटक और गीतों का कार्यक्रम करेंगे. नाटक व गीतों के जरिये गांधी के विचारों को जन-जन तक पहुंचाया जायेगा.

सम्राट अशोक कन्वेंशन सेंटर

इसके अलावा सूचना व जनसंपर्क विभाग शताब्दी समारोह को लेकर मल्टीमीडिया वैन भी चलायेगा, जो जिला व अनुमंडलों में जायेगा. ऐसे वैन में टीवी, सीडी समेत गांधी के विचारों के कोटेशन लगे होंगे. इन वैन के जरिये जगह-जगह पर गांधी पर बनी डाॅक्यूमेंट्री दिखायी जोगी. पर्यटन विभाग तिरहुत प्रमंडल में जहां-जहां गांधी गये थे, वहां शिलालेख लगवायेगा, जबकि कला, संस्कृति व युवा विभाग फिल्म फेस्टिवल का आयोजन करेगा.

 

स्कूलों में होगा गांधी कथा का वाचन 

 

चंपारण सत्याग्रह शताब्दी समारोह को लेकर राज्य के मिडिल, हाइ और प्लस टू स्कूलों में अगले एक साल तक हर दिन चेतना सभा (प्रार्थना) के बाद गांधी कथा का वाचन किया जायेगा। इसमें गांधी से जुड़ी 50 कहानियां तैयार की गयी हैं, जिनका पाठ किया जायेगा।

 

स्कूल की बाल संसद, मीना मंच या फिर शिक्षक इसका पाठ करेंगे. वहीं, मई से राज्य भर में ‘बापू आपके द्वार’ कार्यक्रम की शुरुआत होगी। इसमें जन शिक्षा के 48 हजार साक्षरताकर्मी 1,68,214 बसावटों और इसमें रहनेवाले करीब तीन लाख परिवार के घरों में जाकर दस्तक देंगे।

 

वे गांधी के विचारों के साथ-साथ शराबबंदी के बाद नशामुक्ति के लाभ को भी लोगों को बतायेंगे. इसके लिए दो साक्षरता कर्मियों की एक टीम बनेगी और ये टीमें एक-एक कर सभी घरों में जायेंगी।

 

साक्षरताकर्मी गांधी के विचारों को बतायेंगे और एक पंपलेट (छोटी पुस्तिका) देंगे। इसमें गांधी के कोटेशन को रखा गया है। इसके लिए शिक्षा विभाग ने साक्षरताकर्मियों को जिलावार घरों के आधार पर साल भर का कार्यक्रम तैयार करने का निर्देश दिया गया है।

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