अपनी खोयी अस्मिता को पुनः प्राप्त करेगा नालंदा विश्वविद्यालय,दुनिया को देगा नया विजन

​नालंदा अंतरराष्ट्रीय विश्वविद्यालय के नवनियुक्त कुलपति डॉ विजय पांडुरंग भटकर ने इस विश्वविद्यालय को लेकर अपनी सोच का जिक्र करते हुए कहा कि हम इसे एक ऐसी संस्था बनाना चाहते हैं जो छात्रों को केवल विश्वविद्यालय की डिग्री पाने में नहीं बल्कि समाज और समुदाय की आकांक्षाओं को पूरा करने के लिए प्रेरित करे। उन्होंने कहा कि नालंदा विश्वविद्यालय दुनिया को नया विजन देगा और नालंदा अंतर्राष्ट्रीय विश्वविद्यालय फिर से विज्ञान और अध्यात्म का अनूठा संगम कहलायेगा।

नालंदा अंतरराष्ट्रीय विश्वविद्यालय के मुख्य परिसर में गैर आवासीय भवनों का शिलान्यास करते हुए भटकर ने कहा, हम इसे एक ऐसी संस्था बनाना चाहते हैं जो छात्रों को केवल विश्वविद्यालय की डिग्री पाने में नहीं बल्कि अपने समाज और समुदाय की आकांक्षाओं को पूरा करने के लिए प्रेरित करे।
भारत के सूपरकम्प्युटर का जनक माने जाने वाले तकनीकी विशेषग्य भटकर को राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने गत 25 जनवरी को नालंदा अंतरराष्ट्रीय विश्वविद्यालय का कुलपति नियुक्त किया था।
इस अवसर पर नालंदा के जिलाधिकारी डॉ. त्यागराजन, पुलिस अधीक्षक कुमार आशीष सहित विश्वविद्यालय के कई शिक्षाविद और कर्मचारी मौजूद थे।
विश्वविद्यालय के गैर आवासीय भवनों में एकेडमिक ब्लॉक, पुस्तकालय, प्रशासन ब्लॉक, व्याख्यान कक्ष और सभागार शामिल हैं जिसे एक वर्ष के भीतर पूरा किया जाना है।
आवासीय भवनों में पुरुषों और महिलाओं के लिए छात्रावास, शिक्षकों के आवास के साथ डाईनिंग हॉल आदि भी शामिल हैं। सभी इमारतें पूरे परिसर में फैले पानी के नेटवर्क के साथ जुड़ी होंगी। परिसर के बीच एक तालाब होगा जिसको कमल सागर के नाम से जाना जायेगा।
यह परिसर नेट शून्य होगा अर्थात परिसर उर्जा पानी और अन्य प्राकृतिक संसाधनों के लिए आत्मनिर्भर होगा।

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