प्रकाश पर्व पर आयोजित फिल्म महोत्सव में पर्दे पर बिखरी पंजाबी संस्कृति

श्री गुरु गोविंद सिंह जी महाराज के 350वें प्रकाश पर्व के अवसर पर कला संस्कृति एवं युवा विभाग के अंतर्गत आयोजित फिल्म महोत्सव का समापन पंजाबी फिल्म वारिस शाह-इश्क द वारिस के साथ हुआ।

यह आयोजन चैंबर ऑफ कामर्स के सभागार में किया गया था। महोत्सव के दूसरे दिन की शुरुआत हिन्दी फिल्म फ्लाइंग जट्ट के साथ हुई। रेमो डी सूजा निर्देशित यह फिल्म एक सामान्य बालक के सुपरहीरो बनने और फिर पर्यावरण की रक्षा के लिए संघर्ष की कथा है, जो रोचक अंदाज में बयान करती है। दूसरे सत्र में गिप्पी अग्रवाल निर्देशित फिल्म अरदास दिखाई गई। पंजाबी में बनी इस फिल्म में पंजाब के सामाजिक जीवन में धर्म की महिमा प्रदर्शित की गई थी।

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तीसरे सत्र में पंजाब के महान संत कवि वारिस शाह के जीवन पर आधारित पंजाबी फिल्म वारिस शाह-इश्क द वारिस दिखाई गई।। 2006 में बनी ‘वारिश शाह’ पंजाबी की श्रेष्ठ फिल्मों में शुमार है, जिसे विभिन्न श्रेणियों में चार नेशनल अवार्ड मिले हैं।

फिल्म प्रदर्शन के पूर्व निगम के प्रबंध निदेशक गंगा कुमार ने कहा कि इस तरह के महोत्सव से हमें अपने देश के अन्य क्षेत्रों की संस्कृति और भाषा बोली से रू-ब-रू होने का मौका मिलता है, जो हमें एक राष्ट्रीय परिदृश्य पर खड़े होने का अवसर देती है। उन्होंने कहा कि इस महोत्सव का उद्देश्य मात्र मनोरंजन नहीं, बल्कि शैक्षणिक था। इसमें सिख धर्म की शिक्षा के साथ पंजाब की संस्कृति के बारे में भी दर्शक जान सके। इस दौरान कला, संस्कृ्ति एवं युवा विभाग, बिहार के अपर सचिव आनंद कुमार, फिल्मं समीक्षक विनोद अनुपम और मीडिया प्रभारी रंजन सिन्हाि के अलावा कई गणमान्य् अतिथि भी उपस्थित रहे।

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