खुलासा: बिहार के इस प्रतिष्ठित मेडिकल कॉलेज में हुआ है बहुत बड़ा घोटाला !

तो कौन जिम्मेदार है DMCH में हुए 45 करोड़ के घोटाले का ?

पहले ये जानना जरुरी है 

साल २०१२ में सरकार ने ‘ स्ट्रेंथेनिंग ऑफ़ टरशियरी केयर ऑफ़ कैंसर‘ नामक योजना की शुरुवात की थी जो की National Program for Prevention and Control of Cancer, Diabetes, CVD & Stroke
(NPCDCS) के अन्तर्गत आती है | सरकार के आंकड़े कहती है की एक साल में १० लाख से ज्यादा लोग कैंसर से मर रहे हैं और बात करे बिहार की तो ये संख्या ५०-६० हज़ार के आसपास है |

दरभंगा के सन्दर्भ में इसकी उपयोगिता 

साल २०१५ में माननीय पूजनीय और प्रभु तुल्य श्री कीर्ति झा आज़ाद जी जिनकी छवि (JPEG वाली ) भ्रष्टाचार के खिलाफ लड़ने वाले एक योद्धा ( नागराज वाले कॉमिक्स ) जैसी है , उन्होंने फेसबुक के माध्यम से ये एलान किया था एंड आई कोट ,

न्यूज़_हॉस्पिटल

” दिनॉंक २५/७/२०१४ को लोकसभा में मेरे द्वारा प्रश्न संख्यॉं २४१४ के तहत केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री से मिथिलॉंचल के कैंसर मरीजों के लिए दरभंगा मेडिकल कॉंलेज और अस्पताल में कैंसर सेंटर के लिए राशि उपलब्ध कराने की मॉंग की थी।कल पटना में माननीय केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री श्री जेपी नड्डा जी ने ये बतलाया कि दरभंगा मेडिकल कॉंलेज और अस्पताल के परिसर में टर्सरी कैंसर सेंटर के लिए ४५ करोड़ की राशि दी जा रही है। इसके लिए मैं समस्त मिथिलावासीयों की तरफ से केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री श्री जेपी नड्डा जी व स्वास्थ्य मंत्रालय को धन्यवाद देता हूं।
जय मिथिला,जय मैथिली!!

 

Hospital_Scam_RTI_1Hospital_Scam_RTI_2

Hospital_Scam_RTI_3Hospital_Scam_RTI_4

RTI Reply by Ministry of Health

कीर्ति आज़ाद ने इसका क्रेडिट ले लिया लेकिन ये बात किसी को नहीं बताई की राशि मिली ही नहीं क्योंकि इसके पीछे एक लॉबी काम कर रही थी | आज ये आदमी बिहार में स्वास्थ्य की समस्या को लेके संसद में हल्ला कर रहा है जो की इसके वैचारिक दोगलापन को दिखलाता है | जब इसको हल्ला करना चाहिए था तब ये कही और थे और आज जब पैरों के नीचे की राजनैतिक जमीन खिसक चुकी है तो ये अब नाच रहे हैं |

https://www.facebook.com/KirtiAzad.OfficiAl/videos/536373076562255/

 

घोटाला है क्या ?

पिछले दो साल से न जाने कितने पत्र और आवेदन लिख के मैंने हर बार सरकार और व्यवस्था को बताया है की दरभंगा में जो चल रहा है वो ठीक नहीं है और कैसे प्राइवेट नर्सिंग होम्स और डॉक्टर्स की लॉबी DMCH का विकास होने से रोक रही है ताकि उनकी दूकान बंद न हो

 

जानबूझ के कैसे सारे उपकरणों को ख़राब कर दिया जाता है और कैसे दवाइयां उपलब्ध होने के बावजूद गायब हो जाती है और कैसे डॉक्टर्स महंगी दवाइयां प्रिस्क्राइब करते हैं , इसके लिए किसी प्रमाण की जरुरत नहीं है | जब ये खबर आयी की DMCH में टरशरी कैंसर सेंटर बनना है तभी दरभंगा की डॉक्टर्स और नर्सिंग होम की लॉबी में भूचाल आ गया क्योंकि अगर ये बन जाता तो इनके यहाँ तो कुत्ता भी नहीं जाता | सुपरिटेंडेंट से लेके प्रधानध्यापक और २-४ नेताओं के घोल मोल से जान बूझ के एक ऐसा प्रपोजल बनाया गया जिसको देख के ही मंत्रालय पैसे देने के लिए मना कर दे | ये बात सबको पता है लेकिन न मीडिया और न अखबार के किसी पत्रकार में इतनी हिम्मत थी की इस बाबत कुछ बोले और लिखे भी |
न की सिर्फ दरभंगा ,बल्कि मधुबनी समस्तीपुर और पटना के नेताओं की इसमें संलिप्ता है और सरकार को अभी इसकी जांच के आदेश दे देना चाहिए |

एक और बात साल २०१५ के बाद दरभंगा में एक बहुत बड़ा अस्पताल बना है जिसका नाम पारस हॉस्पिटल है , बांकी आप समझदार है खुद ही समझिये |

ये घोटाला सिर्फ ४५ करोड़ का नहीं है बल्कि हज़ारों करोड़ का है क्योंकि जान की कोई कीमत नहीं होती और अगर होती तो हज़ार करोड़ से कम नहीं होती | मुझे पता है इस लेख से कुछ होने वाला है नहीं फिर भी लोगो को बता जरुरी है की हम किस समाज में हैं और हमारे रिप्रेजेन्टेटिव हमको कितना बेवकूफ बनाते हैं और हम बन भी जाते हैं |

एक सवाल उन समर्थकों के लिए जो स्प्लेंडर और झंडा लेके पहुँच जाते है रैलियों में लेकिन सवाल नहीं पूछते की उनके लिए उस आदमी ने क्या किया जिसके लिए वो उसकी रैली में जाता है | जिंदाबाद जिंदाबाद करते रहिये लेकिन जब कोई सदस्य आपके घर का मरेगा कैंसर से तब ये लेख पढियेगा दूबारा क्योंकि मैंने खोया है किसी को कैंसर से और अब अब मैं चुप नहीं बैठूंगा |

: धैर्यकांत मिश्रा

नोट : यह लेख लेखक के अपने मेहनत का का नतीजे और RTI से जुटाया गया सुचना पे आधारित है , जहाँ लेखक ने अपनी राय और विचार है रखी है ! सुचना और जानकारी अपने बिहार से जुडी है तो हमने अपनी जिम्मेदार निभाते हुए उनके स्वेक्षा व् अनुमति से लिखी / ली गयी है !

Search Article

Your Emotions