10 राज्यों के फिल्म नीति का अध्ययन कर जल्द ही बिहार में भी लागू होगा फिल्म नीति

पटना फिल्म फेस्टिवल के चौथे दिन रीजेन्ट में फिल्म मसान का प्रदर्शन किया गया। मौके पर डायरेक्टर नीरज घेवन, अभिनेता संजय मिश्रा, विनीत मिश्रा, अविनाश दास और फिल्म एवं वित्त विभाग के एमडी गंगा कुमार मौजूद रहे।

हिंदी क्षेत्र में हिंदी सिनेमा विषय पर पैनल डिस्कशन में मसान की चर्चा करते हुए नीरज घेवन ने कहा कि फिल्म में स्क्रीप्ट सर्वोपरि है। इससे ऊपर कुछ भी नहीं है। मैं भी इसका गुलाम हूँ। इसलिए मैं अपने फिल्म के स्टार से स्क्रिप्ट के अनुसार किरदार की उम्मीद करता हूँ। अच्छी फिल्मों के लिए बहुत ही ईमानदारी से लिखी कहानी के अलावा और भी ईमानदारी की जरूरत होती है। कॉमर्शियल और समानांनतर फिल्मों का दायरा अब सिमट रहा है। अच्छी कहानी पर बनी फिल्में ही अब लोगों को पसंद आ रही है। वही एक सवाल के जबाब में उन्होंने कहा कि हम बिहार में शूटिंग के तैयार है ये जरुरी नहीं हैं कि हम बिहार में शूटिंग के लिए पर्यटन स्थल को ही चुने। मीडिया को बिहार के अच्छी छवि दिखानी होगी। मुम्बई में लोगों के बीच गलत छवि पेश की गई है। जबकि बिहार पोरफेसनर राज्य है। यहां वैसा कुछ नहीं हैं।

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अभिनेता संजय मिश्रा कहा कि बिहार के पास कोई अपना स्लोगन नहीं है जैसे राजस्थान का स्लोगन है पधारो म्हारे देश। यहाँ स्लोगन की सख्त जरुरत है, बिना बुलाये आपके यहाँ आकर कोई शूटिंग नहीं करेगा। फिलहाल ही एक फिल्म की शूटिंग में बिहार को दर्शाने के लिए 1 करोड़ खर्च कर बिहार का सेट बनाया गया था।

वही गंगा कुमार ने परिचर्चा में शामिल होते हुए कहा कि सरकार अपनी नई फिल्म नीति के तहत फिल्म मेकरों को हर वो बेसिक चीजें उपलब्ध कराएगी, जिनकी उनको जरूरत है।
इसके लिए 10 से अधिक राज्यों की फिल्म नीति का अध्ययन करने के बाद डिमांड, सब्सिडी, टैक्स और एग्जीलवीटर जैसे की अहम मसले को लेकर जल्दी ही एक फिल्म नीति राज्य सरकार की ओर से लागू की जाएगी। इससे फिल्म मेकरों को मेकिंग में सुविधा मिलेगी। कुछ दिन पहले एक मराठी फिल्म की शूटिंग वैशाली एवं छपरा में हुआ है और हाफ गर्लफ्रेंड की शूटिंग भी बिहार में हुई थी। सभी डारेक्टर खुश नजर आये और दोबारा बिहार आकर शूटिंग करने को बोल गए।

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