बिहार से विदा लेने से पहले गंगा मईया का आशिर्वाद लेने पहुंचे प्रसिद्ध आईपीएस शिवदीप लांडे

ईमानदारी, कर्तव्यनिष्ठता, बहादुरी और समाज सेवा के लिए प्रसिद्ध बिहार पुलिस के जांबाज आईपीएस अफसर शिवदीप लांडे अगले सप्ताह बिहार से महाराष्ट्र कैडर में विदा हो रहे हैं।

एक ओर जहाँ पुलिस वाले अपराधियों को पकड़ें या न पकड़ें, आम लोगों पर अपने वर्दी का रौब जरूर दिखाते नजर आ जाते हैं, अपने को वीआईपी समझने लगते हैं और लोगों से ठीक से बात तक नहीं करते, वहीं बिहार पुलिस के प्रसिद्ध व जाबाज आईपीएस श्री शिवदीप लांडे इस मामले में भी सबसे अलग हैं। बिहार से विदा लेने से पहले कल आईपीएस शिवदीप लांडे पटना के गांधी घाट गंगा आरती में पहुंचे। उनके पहुंचते ही गंगा आरती कमिटी द्वारा उनके लिए खास व्यवस्था किया गया, लेकिन शिवदीप ने मना कर दिया वे बोले मुझे खास व्यवस्था की जरुरत नहीं है और वो युवाओं के बीच गंगा घाट के सीढ़ियों पर जाकर बैठे। उनको देख वहां उनके सैकड़ों प्रशंसकों की भीड़ लग गई। युवा उनके साथ सेल्फ़ी लेने के लिए टूट गए। शिवदीप लांडे घंटों तक चली गंगा आरती में भाग लिए साथ ही गंगा को नमन किए। जरुरी कारणों से आरती खत्म होने के कुछ समय पहले ही वो वहां से चले गए। उनके जाते ही युवाओं की भीड़ गंगा घाट से चली गई।

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प्रायः युवा फिल्मी हीरो या क्रिकेटर्स के दिवाने होते हैं, उनको फॉलो करतें हैं और उनके जैसा बनने का सपना देखते हैं, मगर बिहार के युवा शिवदीप लांडे को अपना हीरो मानते हैं और उनके जैसा बनने का सपना देखते हैं। शिवदीप लांडे कहते है कि मैं अपने आप को सौभाग्यशाली मानता हूँ कि ईश्वर ने मुझे बिहार को कर्मभूमि के रूप चुनने का मौका दिया। गौरतलब है कि शिवदीप लांडे का नाम देश के टॉप 10 सबसे ईमानदार अफसर के रूप में आता है। शिवदीप लांडे सिर्फ बिहार पुलिस की पहचान ही नहीं बल्कि बिहार पुलिस का ब्रह्मास्त्र हैं, जिनके पहुंच से कोई भी अपराधी दूर नहीं । बिहार के अपराधियों और अंडरवर्ल्ड में जहाँ शिवदीप लांडे के नाम का आतंक है तो बिहार के जनता में उनके लिए सम्मान और प्यार है।
इस अफसर के इमानदारी और बहादुरी के लिए ईनाम देने की बजाय सरकार ने इस ईमानदार अफसर को राजनीतिक कारणों से बार-बार परेशान और उपेक्षित करने का काम किया।

वहीं बिहार की लड़कियाँ भी लांडे की फैन हैं। पटना कार्यकाल के दौरान शिवदीप ने मनचलों को खूब सबक सिखाया। लड़कियाँ खुद को सुरक्षित महसूस करने लगी थीं। छात्राओं के मोबाइल में उनका नंबर जरूर होता था। तब उनके व्हाट्सएप्प पर सैकड़ों लड़कियों के शादी के प्रपोजल आते थे। अभी भी उनके फेसबुक पर कई लड़कियाँ प्रपोज करती हैं।

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शिवदीप लांडे मुंगेर, अररिया, पटना, रोहतास और एसटीएफ के कार्यकाल के दौरान हमेशा सुर्ख़ियो में रहे हैं। जहाँ-जहाँ भी वे कमान संभाले वहाँ के अपराधियों में भूचाल आ जाता था। अपराधी अंडरग्राउंड हो जाते। कई नामी और इनामी अपराधी उनके पोस्टिंग के दौरान पकड़े गये। लांडे अपनी ड्यूटी पर जितना सख्त नजर आते हैं, वह उतने ही विनम्र हैं। वह अपनी सैलरी का 60 फीसदी हिस्सा एनजीओ को दान कर देते हैं। इसके अलावा कई सामाजिक कार्यों में भी वह सहयोग करते हैं। उन्होंने कई गरीब लड़कियों की सामूहिक शादी भी करवाई है। लड़कियों की सुरक्षा के लिए हमेशा तत्पर रहते हैं।

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