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यह पढने का जूनून है, पुल बह गया तो नाव से गंगा पार जाते है पढने

नाव से गंगा पार करते बच्चे.. ?

नाव से गंगा पार करते बच्चे.. ?

बिहार के बच्चे यू ही देश में सफलता का परचम नहीं लहराते रहते हैं, उसके पिछे कडी मेहनत के साथ विपरीत परिस्थितियों में भी अपने लक्ष्य को हासिल करने का जज्बा होता है।

 

ये भागलपुर जिले के नाथनगर प्रखंड के श्रीरामपुर, हरदासपुर, गोसाईंदासपुर, मथुरापुर, शादपुर और बैरिया रसतपुर गांव के बच्चों की जिद ही है कि वे खतरे को दरकिनार करते हुए भीषण बाढ़ में पढ़ने के लिए स्कूल जा रहे हैं। इन गांवों में ऐसे करीब सौ बच्चे हैं, जो नाव से गंगा की धारा को पार कर निजी और सरकारी स्कूलों में पढ़ने के लिए शहर आते हैं। बाढ़ से पहले यहां बांस का चचरी पुल था। बाढ़ आते ही वह बह गया। स्कूल जाने का एकमात्र सहारा है नाव…
– छह गांव के बच्चे पुल के बह जाने से नाव से नदी पार कर इनदिनों स्कूल जाते हैं।
– शहर के कई स्कूलों में गांव के करीब 100 से ज्यादा बच्चे पढ़ते हैं।
– ऐसे में अब नाव ही स्कूल जाने का एकमात्र सहारा है।

 

 

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