दरभंगा मर्डर कांड के मास्टर माइंड और कुख्यात अपराधी मुकेश पाठक को शिवदीप ने दबोचा

बीते 26 दिसम्बर को दरभंगा के बहेड़ी में रंगदारी की मांग को लेकर एक कंस्ट्रक्शन कंपनी के दो इंजीनियरों की हत्या मामले में फरार चल रहे संतोष झा गैंग का कुख्यात शूटर मुकेश पाठक को आज पटना एएसटीएफ ने रामगढ़ रेलवे स्टेशन पर गिरफ्तार कर लिया।

 

पूरे बिहार में अपने ईमानदारी और बहादुरी के लिए प्रसिद्ध एसटीएफ एसपी शिवदीप लांडे और उनकी टीम को आज फिर एक बडी कामयाबी मिली है।

मुकेश पाठक एवं उसके गिरोह के सदस्यों ने दरभंगा में सड़क निर्माण कार्य में लगी बीएससी-सीएंडसी ज्वाएंट वेंचर कंपनी से दो करोड़ रुपये की रंगदारी की मांग की थी। कंपनी द्वारा रंगदारी देने से इनकार करने पर मुकेश पाठक व उसके एक साथी ने औरंगाबाद निवासी इस कंपनी के इंजीनियर ब्रजेश कुमार व बेगुसराय निवासी ठेकेदार की बीते 26 दिसम्बर को गोली मार कर उस वक्त हत्या कर दी थी जब दोनों निर्माण कार्य के साइट पर बैठे थे।

सोमवार को मुकेश पाठक टाटा-जम्मूतावी ट्रेन से यूपी भागने के फिराक में था तभी रामगढ़ स्टेशन पर उसकी घात में सादी वर्दी में लगी एसटीएफ की टीम ने उसे ट्रेन से ही गिरफ्तार कर लिया। इंजीनियर हत्याकांड के कुछ माह पूर्व ही मुकेश पाठक शिवहर जेल से जमानत पर बाहर आया था जहां वह अपनी पत्नी पूजा के साथ एक आपराधिक मामले में बंद था।

 

Exclusive pic: गिरफ्तारी के समय का मुकेश पाकठ का फोटो

Exclusive pic: गिरफ्तारी के समय का मुकेश पाकठ का फोटो

इंजीनियर हत्याकांड के बाद जेल में बंद मुकेश की पत्नी पूजा के गर्भवती होने का मामला प्रकाश में आया तब हड़कंप मच गया था। शिवहर के तत्कालीन जिलाधिकारी और मुजफ्फरपुर के जेल अधीक्षक की बनाई गई एक संयुक्त जांच दल ने जांच कर अपनी जो रिपोर्ट सरकार को सौंपी थी वह भी चौंकाने वाली थी। रिपोर्ट में कहा गया कि ‘10 जून 2015 को शिवहर जेल के जेलर औरा चार काराकर्मी के सहयोग से जेलर कक्ष में मुकेश और पूजा को रालीला रचाने के लिए लगभग आधे घंटे के लिए अकेले छोड़ दिया गया था।’

 

गौरतलब है किमुकेश पाठक बिहार लिबरेशन आर्मी का कथित स्वंभू कमांडर संतोष झा गिरोह का शूटर है। इस घटना के बाद फरार हुए मुकेश पाठक व एक अन्य हत्यारों को दबोचने के लिए बिहार पुलिस जी जान से लगी थी।

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